नित्यं स्वाध्यायशीलश्च दुर्गान्यति तरन्ति ते। अर्थात- नित्य स्वाध्याय करने वाला व्यक्ति दु:खों से पार हो जाता है। —महाभारत शांति पर्व

विदाई समारोह

ॠषियुग्म का विदाई-सम्मेलन दिनांक 17 जून से 20 जून सन् 1971 तक गायत्री तपोभूमि, मथुरा में संपन्न हुआ। सहस्रकुंडीय महायज्ञों जैसा यह समागम था। लाखों व्यक्तियों ने अश्रुपूरित नेत्रों से उन्हें विदाई दी। पूज्य गुरुदेव तथा वंदनीया माताजी शांतिकुंज पहुँच गए। शांतिकुंज का निर्माण अभी पूरा नहीं हो सका था; उस अर्द्धनिर्मित भवन में ही पूज्य गुरुदेव व वंदनीया माताजी ने निवास बनाया।

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